'नित्यदृष्टि' के बारे में

यह ब्लॉग मेरे गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान की एक छोटी सी अभिव्यक्ति है। गुरु की प्रेरणा से यहाँ जो कुछ भी साझा किया जा रहा है, वह शायद साधकों को उनकी मंजिल तक पहुँचने में मदद करने का एक प्रयास है।

ज्ञानमार्ग

ज्ञान का मार्ग एक सीधा मार्ग है जिसमें ज्ञान और अज्ञान, सत्य और वास्तविकता की सभी मान्यताओं पर विजय प्राप्त की जाती है और सत्य स्वरूप को दिखाने के लिए अनेकता को दूर किया जाता है। यदि आप इस सत्य को सीधे जानना चाहते हैं तो आपका स्वागत है…

व्यक्ति इस संसार में हमेशा कुछ खोजता रहता है। अभी अपनी जो पहचान है उसके......
माया वह शक्ति है जो है नहीं केवल प्रतीत होती है, और जिसको प्रतीत होती......
ज्ञान अज्ञान हैज्ञान अनुभव द्वारा होता हैं , और सभी अनुभव असत्य है। हमें केवल......
ज्ञान का आभाव अज्ञान है। अन्धविश्वास, निराधार धारणाये मान्यताएं और तरह तरह के भ्रम जो......
औचित्यकिसी भी बुद्धिमान व्यक्ति के मन मैं यह प्रश्न उठेगा कि सत्य तो व्यक्तिनिष्ठ हैं......
ज्ञानवृत्ति के कारण सभी अनुभव स्मृति मैं छपते जाते हैं। और उनका वर्गीकरण भी हो......

ज्ञान की खोज ...

भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत, इसकी गहरी सांस्कृतिक जड़ों और कालातीत ज्ञान की खोज। हज़ारों वर्षों में आकार लेने वाली भारतीय आध्यात्मिकता, छिपे रहस्यों को उजागर करती है जहाँ मानवता पूर्ण चेतना और उत्कृष्टता के लिए जागृत हो सकती है। प्राचीन वैदिक शिक्षाओं से लेकर बौद्ध धर्म, जैन धर्म और भक्ति आंदोलन जैसी विविध परंपराओं तक, भारत की आध्यात्मिक यात्रा आंतरिक शांति, नैतिक जीवन और परम मुक्ति के मार्ग प्रदान करती है। इस प्रयास का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के इन गहन पहलुओं को साझा करना है, जो साधकों को उन शाश्वत सत्यों की खोज करने के लिए प्रेरित करते हैं जो हम सभी को जोड़ते हैं और मानवीय अनुभवों की सामान्य सीमाओं से परे हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

Articles...

ज्ञान मार्ग ज्ञानार्जन का एक व्यवस्थित प्रयास है। अज्ञान का नाश ही ज्ञान हैं। अज्ञान......
स्मृति में अनुभवों के सयोजन को ज्ञान कहते हैं। अनुभवों के बीच जो सम्बन्ध बनते हैं......
साधनवह विधि या योग्यता जिसके माध्यम जिससे ज्ञान प्राप्त होता है उसे ज्ञान का साधन......
सूचनासूचना ज्ञान नहीं चिन्हो का अनुभव है गुरुजन व् ग्रन्थ आदि सूचनाओं के स्रोत हैं,......
ज्ञानवृत्ति के कारण सभी अनुभव स्मृति मैं छपते जाते हैं। और उनका वर्गीकरण भी हो......
औचित्यकिसी भी बुद्धिमान व्यक्ति के मन मैं यह प्रश्न उठेगा कि सत्य तो व्यक्तिनिष्ठ हैं......